इंतज़ार के लम्हें तेरी
बेकरार कर गए।
गुजारें वक्त तुझ संग
दिल में मचल गए।
अब सब्र नहीं होता
तेरे बिना
मिलन की आग में
ये बदन जल गए।
खूबसूरत शमां है।
ऐसे में तू कहां है।
अरमां मचल रहें हैं।
जज़्बात उभर रहें हैं ।
पिघलने को तुझमें
सारे कायनात उफान रहें हैं।
बिखरा दे अपनी जुल्फों
की जादू।
कि ये दिल हो रहा बेकाबू
अब बन जाऊं मैं तेरा
मेरा तू..
अब बन जाऊं मैं तेरे
मेरा तू...