हर घर जल..... आज नहीं भईया कल!!
हालत -ए - जल का सबब न हमसे पूछिए l
"आएगा शुद्ध जल???... अब न हमसे पूछिए "ll
तमाम खुदाई और तुड़ाई के बाद पाईप बिछा, रस्ता डैमेज हुआ, लीकेज निरंतर जारी रहा l
लगि गवा टोंटी....देवे लगा पानी छुल्ल- छुल्ल , बीस लिटरिया गइलन भरे में 1 घंटा समय लगा l मनवा में कियुशचन उठा के ठीकेदरवा सिलो बा कि ई सरकरवा या सप्लाई मयन l
मने इन्ना धीमा पानी!!!
ई टोंटी के पियास बुझाई के मनईन के l छुल छुलाउआ जल के भी आस टूट गईल बा, किडनईप नहीं न होई गवा कहीं??
केहू कहत रहा के होइ गवा..
फिरौती में सबर मांगत हैं उ बा न जनता के पासl
आखिर केन्ना करे सबर... ज़ब बा गुहार बे- असर l
विभाग बुझउनी बुझावत बा..... उ जिम्मेदार.... हम ना उ जिम्मेदार... हउ ना हउ जिम्मेदारl अंत में मनवा कहत बा के उ ना तूँ जिम्मेदार ना मिली पानी
नल बा न.... चलावs और पिया फिरीs के पानी पियबा?? ज़ब आई त पिहs
बेमारी होइ... पेट गड़ी त डागडर लगे जइहा, चार खोराक टिबलेट देई दु ठो सुई कोंची ठीक हो जइबा l
ज्यादा पिए खातिर मरल जात हवा त जा सबर के सुई लगवा ल और पटाई मार के सूताs l
मनवा के बतिया ठीक लागत बा हमके
अब जात है पटाई मार के सूते...विधायक ओट मांगे ज़ब अइहे तब्बो ऐसे सूतब और सुतलहि में पूछब
आज आई????? कि कल........
- सिद्धार्थ गोरखपुरी