अगर किसी पुरुष की कल्पना में कोई स्त्री…!
साड़ी पहने हुए…!
कानों में झुमका डाले हुए..!
बालों की लटे गालों पर गिराए हुए..!
और गालों पर थोड़ा सा आटा लगाए हुए..!
साड़ी का पल्लू कमर में दबाए हुए..!
नज़र आ रही है..!
तो समझ जाना आप बुजुर्गों से विरासत में मिली
कल्पना से ग्रस्त हो..!
तो ये मान लेना कि जैसे हजारों साल पहले पुरुष
ने स्त्री को देखा था आप भी वैसा ही
देख रहे हैं..!
आपकी सोच और आपका स्त्री के प्रति नजरिया
तनिक भी नहीं बदला..!
तनिक भी नहीं बदला.....
- निखिल..!