(बाल कविता)
नए साल में
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झूमो नाचो नए साल में ।
खुशियाँ बाँटो नए साल में ।।
अहंकार का साथ बुरा है
इसको मारो नए साल में।
बुरी आदतें, बहुत बुरी हैं
इनको त्यागो नए साल में।
ऑक्सीजन की बढ़े मात्रा
वृक्ष लगाओ नए साल में।
दर्द न आने पाए घर में
इनको डाँटों नए साल में ।
मुरझाए पौधे हरियाएँ
पानी डालो नए साल में।
अन्धकार न रहे कहीं पर
दीप जला दो नए साल में ।
दुख का दानव अब न आए
गोली मारो नए साल में।
सुख के मोती गली-गली में
तुम बिखराआे नए साल में।
नफ़रत नहीं पनपने पाए
जड़ से काटो नए साल में।
गुण-अवगुण में जैसा चाहो
वैसा छाँटो नए साल में ।
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~राम नरेश 'उज्ज्वल'
उज्ज्वल सदन
मुंशी खेड़ा,(अपोजिट एस-169
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