गीत गानों की रत्न में
आरती मे आंच मन मे
ध्यान व्रत पूजन हवन में
मंत्र श्लोकों मे भजन मे
एक ही वरदान मांगा
प्रेम का ये दान मांगा
पर प्रबल है भाग्य के ये फल
है विफल सब साधनाएँ
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएँ
चुम दर मंदिर शिवालय
नद नदी सिक्के उछाले
पाठ जप तप करके हारे
कर लिए उपवास सारे
मन्नतो के बांध धागे
काश कोई पुण्य जागे
के सुनी जाए कही तो
अनसुनी सब याचनाये
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं
ज्ञान के प्रवचन विफल है
प्राण लेकर प्रण अटल है
प्रीत का हठ योग साधे
प्रश्न है अन्तस्थ में आधे
क्यों नही तुम भाग्य मेरे?
क्या नही मैं योग्य तेरे
पूर्ण हो किस विध कहो तुम
ये मनोरथ कामनाए
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं
संविधा आहुतियां या
पा सकेगी तृप्तियां क्या
वेदिका पर भोग छूटे
प्रीत के ये जोग झूठे
मैं भले वनवास चुन लू
अर्ध्य देकर प्यास चुन लू
किन्तु कोलाहल करेगी
मौन मेरी प्रार्थनाए
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं