Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

यह मन मानता ही नहीं है कि..

यह मन मानता ही नहीं है कि ..
समझ समझना नहीं चाहती
दिल मानना नहीं चाहता
भावनाएँ देखना नहीं चाहतीं
ख्याल भी ज़हन में आना ही नहीं चाहता
कि तुम अब बड़ी हो गई हो ..

क्या करें ?
आज भी जब आँखें बंद करते हैं
तुम्हारे बचपन की झलक ही सामने आती है
तुम्हारी अठखेलियाँ,हर पल मस्ती में रहना
घर की दीवारों पर तुम्हारा चित्रकारी करना
बैड,सोफे पर कभी भी सीधे रास्ते न चढ़ना
घण्टों कैमरे के सामने तोतला कर कविताएँ बोलना
घर के गेट पर खड़े होकर सब आने जाने वालों को आवाज़ लगाते रहना
जब कोई याद पुरानी हुई ही नहीं
तो कैसे कह दें
कि तुम अब बड़ी हो गई हो..

बेशक तुम्हारा कद काठी,रंग रूप बदल गया
पढ़ाई लिखाई डिग्री में बदल गई
तुम्हारा दुनिया देखने का नज़रिया बदल गया
तुम समझदारी वाली बातें करने लगी
छोटी सी बेटी जो टॉय कार चलाती थी
वो आज हमें अपनी कार में घुमाने लगी
फिर भी मम्मी को “मी” “मी” बोलना
पापा को पप्पा बोलना
तुम्हें हमारी नज़र में बड़ा होने ही नहीं देता
क्या करें ?
कोई भी गवाई देना ही नहीं चाहता
कि तुम अब बड़ी हो गई हो..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

Shiv Charan Dass said

बहुत खूब

वन्दना सूद replied

🙏🙏

Vadigi.aruna said

सुंदर प्रस्तुति

वन्दना सूद replied

🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

बेटी अगर बड़ी हो जाय तो भी वह मां बाप के सामने वही छोटी सी बच्ची ही रहती है। बहुत सुंदर रचना, वंदना जी।

वन्दना सूद replied

बिल्कुल सही कहा आपने

श्रेयसी said

जी वंदना जी सच कहा आपने सबकी बेटियों का यही हाल है। बहुत सुंदर रचना 👌👌🙏🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया जी 🙏🙏😊

सुप्रिया साहू said

बहुत खूबसूरत और लाज़वाब रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम🙏🙏।

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर प्रस्तुति, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut hi pyari rachna hai.. direct dil ke andar pahunch gai... Very nice 👌👌🙏

वन्दना सूद replied

Thank you Reena ji 🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

सुंदर रचना 👌👌🙏

वन्दना सूद replied

Shukriya sir🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं

लिखन्तु - ऑफिसियल

जब मौसम - डॉ मोहम्मद

Apr 14, 2024 | कविताएं - शायरी - ग़ज़ल | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 24,027



लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन