जला कर दिये
सब को रौशन कर दो
अंधेरों के दामन में भी
अब उजाला भर दो।
जो है सिमट रही दुनियां
अंधेरों से डर कर
तो ऐसे मन में अब रौशनी
जीत की भर दो
जला का दिये
जग को रौशन कर दो..
मिटा कर दिलों की
दूरियां सारी मजबूरियां
सब हमदम हमदर्द बन लो
तब बड़े हीं खुशनुमा हो जायेंगें
ये नज़ारें
ज़रा रंग बिरंगी रौशनी की
लड़ियों से सब गलियाँ
रौशन कर दो
जला कर दिये
सब को रौशन कर दो...
ना रहे अंधेरा
सब जगह हो सबेरा
न तेरा ना मेरा
सबका कल्याण कर दो
छोटी छोटी खुशियों से
सबकी दामन भर दो
जला कर दिये सब को
रौशन कर दो..
याद रख्खो जहां खुशी है
वहां रौशनी है
जहां प्रेम है विश्वास है
प्यार मोहब्बत ऐतबार है
जहां शांती सौहार्द
सामाजिक समरसता
आर्थिक सामाजिक
राजनैतिक तरक्की है
जहां सबके लिए कुछ ना
कुछ ज़रूर है
जहां हर तरफ खुशी हीं खुशी
न कोई मजबूर है
वहीं पर वास्तव में
ये दिवाली के दियें हैं
वहीं पर दिवाली के ये
दियें हैं.....