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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

गजल - वो सूखा हुआ गुलाब

कापीराइट गजल

कई साल से सोया है किताब में ये गुलाब
हाल अपना कर रहा है खुद बयां गुलाब

क्या खूबसूरत था समां क्या था वो आलम
पेश जब उस ने किया ये खिलता हुआ गुलाब

यह बता नहीं सकते किस सोच में थे हम
जब कांपते हाथों ने थामा था ये गुलाब

सूख गया वो एक दिन छोड़ कर के निशां
मगर मौजूद था फिर भी वो हंसी गुलाब

किताब के वो पन्ने जब भी खोले हमने
हर बार नजर आया हंसता हुआ गुलाब

खो गए हम कहीं जब वक्त की धूल में
प्यार के हर सफर में नजर आया वो गुलाब

यादों के झरोखों से जब भी झांका हमने
यादों में ही गुम था फना हो कर वो गुलाब

याद रखना किस्सा तुम गुलाब का यादव
मर के हुआ अमर वो सुखा हुआ गुलाब

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

सुभाष कुमार यादव said

आय हाय! क्या खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है आपने। सूखे गुलाब से अहसास ताजे कर दिए। बेहतरीन ।👌👌सादर नमन।🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित नमस्कार सुभाष जी, गजल को पसन्द करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! गुलाब की क्या खूबसूरत दास्तां बयां की है आपने, लाजवाब

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित धन्यवाद एवं सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना।

कमलकांत घिरी said

वाह वाह लाज़वाब सर जी आपकी लेखनी के हर एक शब्द गुलाब की तरह महक रहे हैं मजा आ गया ये गज़ल पढ़कर 👌🙌👏प्रणाम स्वीकार करें और ये गुलाब भी🌹🌹💐🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत भाई, कई दिनों बाद दर्शन हुए आपके, कहां गुम हो गए थे। वो सूखा हुआ गुलाब आपको पसन्द आया, उसके लिए आपको सादर नमस्कार।

Arpita pandey said

मर के हुआ अमर वो सुखा हुआ गुलाब Kya baat hai Gulab ke phool ko achchi tarah sajaya h apne apni gazale

Lekhram Yadav replied

आपको गुलाब की सजावट पसन्द आई उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं सादर नमस्कार अर्पिता जी।

श्रेयसी said

Sukha huaa gulab har yaadon ko taaja karne ki taakat rakhta hai . Laajwaab rachnaa 👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

बिल्कुल सही कहा आपने श्रेयसी जी, आपको सादर नमस्कार।

कमलकांत घिरी said

सर जी गायब कहीं नहीं हुआ बस थोड़ी काम की व्यस्तता में लिखंतु को ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहा हूं आजकल, प्रणाम स्वीकार करें🙏🙏

Lekhram Yadav replied

कमलकांत भाई आप अपने काम में। मन लगाकर पढ़ाई करें रचनाएं तो ऐसे ही पब्लिश होती रहेंगी। आपको सादर नमस्कार 🙏।

वन्दना सूद said

वाह वाह लाजवाब पंक्तियाँ 🌺🌺sir एक बात पूछनी थी अगर सही लगे तो ही जवाब दीजिएगा 🙏आपकी लव marriage थी ?आपकी हर रचना भाव से भरी होती है सीधा दिल को छूती है इसलिए पूछा।

Lekhram Yadav replied

वन्दना जी, आपको धन्यवाद सहित हार्दिक नमस्कार। वन्दना जी मेरी शादी अरेंज मैरिज थी, मगर शादी से पहले जिनसे प्यार था वो अब किसी के घर को रौशन कर रही हैं। उन्हें यह तो मालूम है कि मैं लिखता हूं मगर यह मालूम नहीं है कि मैं गीत और गजल लिखता हूं, अब गर मुलाकात भी होती है तो सिर्फ एक अजनबी की तरह ही होती है। मेरी रचनाओं की प्रेरणा स्त्रोत वही हैं, जब दिल में कभी दर्द उमड़ पड़ता है, तो कलम खुदबखुद चल पड़ती है। मैंने कभी किसी से लिखने के लिए मदद नहीं मांगी मगर मदद करने की इच्छा जरूर रहती है।

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