आओगे तुम, आएगी बहार........,
आओगे तुम, आएगी बहार।
अपने हिस्से में होगा प्यार,
अपने हिस्से में होगा प्यार।
यह कहना कितना अलग है,
बातों पे दिल रखना सांसों का सबक़ है,
आँखों में नींद , सपनों का घर है,
यह कितना लंबा सफर है।
जाओगे तुम, जाएगी बहार.....।
जीने का है, यही अंदाज़।
- ललित दाधीच