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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तुम्हारी तस्वीर भेजना

वो कहते हैं तुम्हारी तस्वीर भेजना,
इन दस सालों में तुम कितना बदली हो
मुझे ये देखना।
हमने कहा हम वैसे ही है जैसा आप
छोड़कर गये थे,
उम्र बड़ी है बस, पहले बचपन था अब जवानी है।

वो कहते हैं नहीं बदली हो तुम,
तो फिर तुम्हारा बात करने का अंदाज़ क्यों
बदला - बदला लगता है ?
इतने सालों में फिर कैसे तुमने,
आज मुझे याद किया है ?
हमने कहा वाक़य ना बदला कुछ,
बस ज़िंदगी ने इतने दर्द दिए कि
जीने के लिए अपना मिज़ाज बदला है।
और अब हमारा मिज़ाज पहले सा ना रहा,
अब हम ख़ुश-मिज़ाज रहने लगें हैं।

वो कहते हैं नहीं कुछ और भी है,
ना मिले हो हम भले ही दस सालों से
पर तुम्हारी खबर हमे सब है।
तुम वो बन गई हो जिसकी हमने कभी
कल्पना भी ना की थी,
सुना है कि आजकल तुम्हारी नज़्में पढ़कर
बहुत से लोगों की होती खुशनुमा सुबह
और शब है।

🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️






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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Lekhram Yadav said

अति सुन्दर कविता, आपको सुप्रभात सहित नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏😊😊

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। 👌👌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Abhar apka

कमलकांत घिरी said

सुना है कि आजकल तुम्हारी नज़्में पढ़कर बहुत से लोगों की होती खुशनुमा सुबह और शब है.. जिसने भी ये सुना है कह दीजिए दीदी जी की बिल्कुल सही सुना है, अति सुंदर रचना प्रणाम दीदी जी 😊🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bhai thanku very much

वन्दना सूद said

बहुत सुन्दर 👏👏👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🙏😊😊

श्रेयसी said

Bahut khoob Reena ji 👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Abhar apka

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar baakamal Mam, lazwaab 👏👌👏👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thank you very much 🙏

डॉ कृतिका सिंह said

Bahut sundar prayog, aur ek shandar rachna.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks ma'am

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