देखा है दुनियां को बड़े गौर से
जलते हैं लोग लोगों के तरीके तौर से।
खुश रहो तो दुःखी होते हैं ।
दुखी रहो तो रस लेते हैं।
इसलिए हाले दिल किसी को सुनना नहीं ।
अपने फटे को किसी से सिलाना नहीं।
उठे हाथ तो धन्यवाद ज़रूर करना ।
ना मिले साथ तो फ़रियाद ना करना।
क्या रक्खा है उस मंदिर मस्जिद काबा में
तेरा ईश्वर तो छुपा बैठा है तेरी हीं आभा में।
तू स्वयं का भगवान खुदा रब है।
कहीं कुछ भी नहीं दुनियां में
तू अपने में हीं सब है।
तू तेरा रब है ।
तुझमें हीं सब है....
तुझमें हीं रब है...
तुझमें हीं सब है......