कुछ छूट रहा है.... छूटेगा...
कुछ टूट रहा है..... टूटेगा....
डरना क्यों... वक़्त यही तो है...
कौन लूट सका जो... लूटेगा....
वक़्त चले बस साथ तेरे...
रुकना ना रुकने देना तुम,
वक़्त हथेली पर रख लो,
तब साथ जमाना.. कुदेगा...
कौन लूट सका जो... लूटेगा...
----डॉ सुधा मिश्रा