जर्रा जर्रा ना बिखेरा तो मज़ा क्या है
कोई मासूम ना घेरा तो सजा क्या है?
सिर्फ है इतनी ही फरियाद अपनी
खुदा इतना बता दे तेरी रजा क्या है ?
यहाँ हवाओं पर भी कर्फ्यू लगा है
सांस की भला जरूरत भी क्या है?
एक तस्वीर जिसे सजदा करते हैं
गर ये हटा दें तो बचता भी क्या है?
ज़माने को हैं शिकवे गिले बस हमसे
कोई तो इतना बताये खता क्या है?
हर तरफ आतुर लहू के प्यासे दानव
"दास"अकेला ही उनके दरमियां है|