राष्ट्र की सबसे बड़ी बीमारी,
ये भ्रष्टाचारी।
विकास के नाम पर ठगे,
बन व्यापारी।
न्याय और सत्यता के विरोधी,
यह अत्याचारी।
रक्षक के नाम पर भक्षक बनके,
करें मनमानी।
सरकारी पैसे की चोरी करके करें, सरकार से गद्दारी।
हर विभाग में बैठा है,
एक भ्रष्टाचारी बन भिखारी।
भ्रष्टाचार के बक्सों में,
कलम रखता है, सरकारी।
सरकारी फाइलों में,
बंद है,
न्याय की जानकारी।