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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

राम तुम्हारी दुनिया -अर्पिता पांडेय

राम तुम्हारी दुनिया
🌺🌹🌺🌹🌺
हे राम तुम्हारी दुनिया
बन गयी मंडी निराली है
तन भी बिकता मन भी बिकता
देखो अब वतन भी बिकता
चांदी की थाल में अब
शिशु मांस भी बिकता दुल्हा दुल्हन की सरेआम रोज होती बिकवाली
हे राम तुम्हारी दुनिया
बन गयी मंडी निराली है
मां की कोख सरोगेट कहलायी
कन्या जन्म से पूर्व मारी जाती
दहेज की वेदी पर
कन्या की बलि चढायी जातीं
हे राम तुम्हारी दुनिया
बन गई मंडी निराली है
नरेश भी बिकता
गद्दी भी बिकती
देखो अब मर्यादा भी बिकतीं
हर इक रिश्ता संस्कारों की
लाश को ढ़ोता अपनी मृत्यु को रोता रिश्ता और रिश्तेदारी सब हो चुके बिकवाली है संस्कारों की अर्थी उठायें धरती घूमती जाती
हे राम तुम्हारी दुनिया बन गई मंडी निराली है
दल भी बिकता बल भी बिकता
देखो अब चरित्र की बारी है
शासक भी बिकता
सत्ता भी बिकतीं अब संसार की बारी हैं
धर्म भी बिकता कर्म भी बिकता अब संस्कारों की बिकवाली है
हे राम तुम्हारी दुनिया
बन गई मंडी निराली है
✍️ #अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

कमलकांत घिरी said

बहुत सुन्दर रचना है मैम दल भी बिकता बल भी बिकता देखो अब चरित्र की बारी है...👌👌🙏🙏✍️

अर्पिता पांडेय replied

Thank you so much 🙏🙏🙏🙏

Lekhram Yadav said

सुप्रभात अर्पिता जी एक नई मण्डी का पता बताने के लिए शुक्रिया, मगर आजकल संस्कारों की समाज को बहुत जरूरत है, आपको सादर प्रणाम।

अर्पिता पांडेय replied

धन्यवाद सर जी आपका पर आप कभी इस मंडी में ना जाइयेगा

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर रचना

अर्पिता पांडेय replied

धन्यवाद आपका

वन्दना सूद said

आपका एक एक शब्द हक़ीक़त बयान कर रहा है 🙏🙏✍️✍️सुन्दर और सच्चा लेखन

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद महोदया सादर प्रणाम

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