राधा सी मुस्कान तुम्हारी, मुझमे नहीं घनश्याम कही।
ना मेरी मुरली है मुझपर, बस दिल मे तेरा नाम कहीं।।
आधा मुखड़ा आधा घूघट, इस घूघट मे चाँद कही ।
राधा सी मुस्कान तुम्हारी, मुझमे नहीं घनश्याम कही।।
सुंदर चेहरा तिरछी नजरे, इन नज़रों का घाव कहीं।
राधा सी मुस्कान तुम्हारी, मुझमे नहीं घनश्याम कही।।
ठुमक ठुमक कर तुम चलती हो, मन मे एक धमक कही।
राधा सी मुस्कान तुम्हारी, मुझमे नहीं घनश्याम कही।।
छन छन छन तेरी पायल बाजे, इस पायल की खनक कही।
राधा सी मुस्कान तुम्हारी, मुझमे नहीं घनश्याम कही।।