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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

चाँद से बातें करूं तेरी - सुप्रिया साहू

चाँद से बातें करूं तेरी

मैं इस घनेरी रातों में चमकती चांद से बातें करूं तेरी,
जो इश्क़ सिखा है मैंने तुमसे वो बातें सारी याद करूं तेरी,
कटता है हर पल हर लम्हा एक तेरी कमी से,
करूं मैं चांद से शिकायत हर पल इस दीवाने के तेरी,
जितने पास नैनो के काजल होते हैं,
इतने पास तेरे रहना चाहती हूं,
मैं तेरे प्यार के समंदर की लहरों में, एक बार डूबना चाहती है,
इश्क़ मुकम्मल हो जाता मेरा,
तुझे सोचते ही मैं तुझ में समा जाती हूं,
मैं खामोशियों के पर गिनते हुए आसमानों को तकती हूं,
करते हैं सौदा वहां तुम्हें पाने के लिए,
मैं हर रोज उनसे लड़ती हूं,
मुस्कुराता हुआ चांद से मैं हर रोज तेरी शिकायत करती हूं,
करती हूं सवाल उनसे और खुद ही जवाब देती हूं,
मैं उसे मुस्कुराते देखने के लिए एक वजह ढूंढती हूं,
मैं उससे थोड़ा दूर हो के मैं उसे खुद ही परेशान करती हूं,
मैं इश्क की लड़ाइयां हर बार लड़ती हूं,
मैं हर रोज उसे बेपनाह प्यार करती हूं,
बेपनाह प्यार करती हूँ....।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

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कमलकांत घिरी said

वाह वाह बहुत खूब सुप्रिया जी बहुत सुंदर रचना पेश किए आपने, मोहब्बत से शराबोर शब्दों का चयन बेहतरीन👍👌👏🙏💐

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद कमल सर इतनी प्यारी समीक्षा के लिए 🥰💐, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Shiv Charan Dass said

वाह वाह

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद दास सर 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद said

बहुत सुंदर रचना 👌👌

सुप्रिया साहू replied

इतनी सुंदर समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद वंदना मैम 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह सुप्रिया जी,हृदय सिंधु से प्रीत की लहरें पूरी धरती पर उड़ेल दी आपने। क्या बात है। इश्क एक ऐसी जंग है जिसे खुद से ही लड़ना पड़ता है। वाह बहुत खूब 👌👌🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद मनोज सर इतनी प्यारी प्रतिक्रिया के लिए 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह...शिकायत ही जरिया बनी इश्क की 🙏 🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद सर इतनी मीठी समीक्षा के लिए 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav said

इतनी खूबसूरत रचना को पढ़कर बस दीवाने हो गए
चर्चा है गली गली में वो मुमताज के दीवाने हो गए
क्या खूब सूरत रचना पेश की है आपने
हर शब्द छू गया दिल को और अफसाने हो गए

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद यादव सर 🥰 आपकी इस समीक्षा के लिए एक बार फिर से हृदय के भीतर से धन्यवाद😊 आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर।👌🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत धन्यवाद सुभाष सर बहुत प्यारी प्रतिक्रिया 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत said

Chalo achi baat hai apne ishq sikha hai unse... Bahut sundar 😊💐🙏

सुप्रिया साहू replied

हृदय के अदंर से निकली हर एक आवाज से आपका धन्यवाद दीदू 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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