इश्क़ और आकर्षण में बहुत अंतर होता है
इश्क़ इबादत आकर्षण क्षणभंगुर होता है
आकर्षण को हीं इश्क़ अब समझते हैं लोग
तभी तो चार दिन में हीं मतांतर होता है
पुरानी हो गई बातें वफ़ादारी से वादा निभाने की
स्वार्थ सर्वोपरि प्यार-व्यार दरकिनार होता है
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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तभी तो चार दिन में हीं मतांतर होता है
पुरानी हो गई बातें वफ़ादारी से वादा निभाने की
स्वार्थ सर्वोपरि प्यार-व्यार दरकिनार होता है