प्रेम में सिर्फ मिठास नहीं
बल्कि खट्टापन, तीखापन, कडुवापन
जितनी स्वाद है वो सब प्रेम के स्वाद में घुल जाते
तभी प्रेम का स्वाद और
प्रेम के अर्थ अनुभव में ला सकते
प्रेम करना, प्रेम देना, सरल हो सकते
प्रेम पाना कठिन है
एक तरफा प्यार में प्रेम देने की बात आती
पर जब दोनों तरफ से प्रेम होगा
तब प्रेम के रूप में पाने की
मान - सम्मान, आदर, अनंत प्रेम
मानसिक रूप से मिलते हैं
सिर्फ वही होगा सच्चा प्रेम ॥