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कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

पत्नी और प्रेमिका में अंतर - प्रेम गहन😍शोध रचना - वेदव्यास मिश्र

पत्नी का चाँद से है रिश्ता,
है पक्ष कृष्ण तो शुक्ल भी है !!
जितनी हैं कलायें चन्दा में,
उतनी पत्नी में भी होती है !!

पत्नी और प्रेमिका में अंतर,
ये साफ दिखाई देता है !!
प्रेमिका में पूर्णिमा होता बस,
पत्नी में अमावस भी होती है !!

प्रेमिका जीवन की शीतलता,
जो दिल पे बसेरा करती है !!
पत्नी का कब्जा पूरे तन में,
नस-नस में विचरण करती है !!

प्रेमिका है स्वर्ग का विज्ञापन,
पत्नी ही किवाड़ें खोलती है !!
सब ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं,
पत्नी की नज़र जो पड़ती है !!

प्रेमिका फुहारें सावन की,
पत्नी अति बारिश होती है !!
इक में सौंधी खुशबू आती,
दूजे में किच-किच होती है !!

है ज्ञानसत्व बस इतना बन्धु,
प्रेमिका अर्ध चाँद सी है होती !!
पत्नी जब बन जाती है वही,
पूरी अर्धांगिनी होती है !!

-- वेदव्यास मिश्र की गहन शोध रचना


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (18)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhaat acharya ji 🙏🙏, bahut hi gahan shodh hua hai, mujhey to lagta hai kayi panelon ne janch padtaal ki hogi is shodh ki tab jaakar yeh nishkarsh rachna ke roop m aaya hai. Kabiletarif Uttam rachnatmkta

Manju Sharma said

Sundar prastuti achha vishleshan

Divya Kushwaha said

Waah bahut khoob Uttam Rachna, Shodh aapka bahut pasand aaya.

Komal Raju said

😂😂 aap kamal ka likhete hain. Premika jab tk premika ha tab tak bahut naadan hoti ha. Jab bahi patni bn jati ha pta nahi kha se itni smajhdar ho jati ha. Ek chutki sindoor ka kmal ha babu bhaiya.

Ankush Gupta said

Waah!! Mashallah kya sodh ka vishay hai👌👌

Bhushan Saahu said

😂😂 बहुत बढ़िया

फ़िज़ा said

Bahut uttam lazwaab achhi hasya rachna

ताज मोहम्मद said

निशब्द हूं श्रीमान जी क्या कहूं? बहुत ही सुंदर रचना। आप ही बस ऐसा लिख सकते है। बहुत ही शानदार उम्दा लाज़वाब।

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी जी, आपकी काबिलेतारीफ प्रतिक्रिया पाकर हम और भी मालामाल हुए बन्धु 💜💜 सचमुच, बहुत कठिन था पत्नि और प्रेमिका में अंतर बता पाना !! चैलेंजिंग तो था मगर लिखने में मजा भी आया और आपने पढ़कर इस रचना को जीवन्त कर दिया है !! स्नेहाशीष नमन हृदयप्रिय 🙏🙏💜💜🙏🌿

वेदव्यास मिश्र said

Manju Sharma जी, सच कहूँ तो आप लोगों की प्रतिक्रिया पाकर ये यक़ीन तो ज़रूर हुआ है मुझे कि लिखने में कोई गलती नहीं हुई है !! एक रचनाकार की जिम्मेदारी मैं निभा सका,इस बात की सन्तुष्टि है मुझे !! आभार मुझे अपनी बेशकीमती समीक्षा प्रदान करने के लिए 🙏💜💜🙏

वेदव्यास मिश्र said

Divya Kushwaha जी, नतमस्तक हूँ और आभारी भी कि मुझे आप लोगों की सकारात्मक समीक्षा मिल रही है !! मैं तो संशय में था पोस्ट करने से पहले..कि इसे पोस्ट करूँ या रहने दूँ !! डर रहा था कि कहीं किसी की प्रेमिका न नाराज़ हो जाये..कहीं किसी की पत्नी बुरा न मान जाये !! दूसरों का तो छोड़िये, मुझे अपनों से ही ज्यादा डर लग रहा था !! आभार नमस्कार 🙏🙏💜💜🙏🌈

वेदव्यास मिश्र said

Komal Raju जी, आभार सहृदय नमस्कार 🙏🙏 आप सभी की प्रतिक्रियाओं से ये यक़ीन हो चला है मुझे कि अब लिखे हुए को मिटाने वाला था मैं !! सच कहूँ तो डर रहा था मैं कि किसी महिला समुदाय को ये बात बुरी न लग जाये !! ख़ैर, अन्त भला तो सब भला 🙏🙏💜💜🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Ankush Gupta जी, सधन्यवाद मित्र गुप्ता जी आपकी सधी हुई उत्साहित करने वाली प्रतिक्रिया पाकर आनन्दित हूँ और उल्लासित भी हूँ !! नमस्कार 🙏💜💜🌿🌿🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Bhushan Saahu जी, यह सिर्फ समीक्षा ही नहीं,मेरे लिए जोशवर्धक टाॅनिक है !! इस बार इस टाॅनिक को पीकर लिखूँगा !! आभार बन्धु आभार 🙏🙏💜💜❤❤🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

फ़िज़ा जी, सहृदय नमन आदाब मैम !! कैसी हैं आप 🙏🙏 दरअसल, इस बार बहुत दिनों के बाद मुलाकात हुई आपसे !! स्कूल खुलने के बाद अब व्यस्तता और थकावट थोड़ी ज्यादा हो जा रही है मेरी !! बहुत-बहुत आभार आदाब नमस्कार पुन: मैम आपको 🙏🙏💜💜🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

ताज मोहम्मद जी, इस अनमोल प्यार और विश्वास के सामने नतमस्तक हूँ हृदय मित्र !! सच कहूँ तो, मैं भी नि: शब्द हो रहा हूँ क्योंकि खास अपनों के साथ कहने-सुनने को आखिर बचता ही क्या है !! परम आनन्दित आभार आदाब 🙏💜💜🌈🌈🙏🙏

Vineet Garg said

पत्नी का चाँद से है रिश्ता, है पक्ष कृष्ण तो शुक्ल भी है !! जितनी हैं कलायें चन्दा में, उतनी पत्नी में भी होती है Bahut sundar anubhuti huyi padhkar

वेदव्यास मिश्र said

Vineet Garg जी, आप लोगों के उत्साहवर्धन से मैं बहुत ही भावुक हूँ और भाव-विभोर भी कारण इतना अपनापन..जिसके लिए मैं निश्चित ही नि: शब्द हूँ !! नतमस्तक नमन आभार सहृदय 🙏💜💜🙏

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