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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

निवेश 1.0

बलिया के सबसे पुराने सन् 1947 में बना सतीश चंद्र कॉलेज में वर्ष 2023 में MCOM का प्रथम बैच प्रवेश लिया, और इस साल 2025 में इसका पहला बैच पास आउट होगा, इसी खुशी के मौके पर इस प्रथम बैच को एक बहुत ही ख़ास नाम दिया गया " Nivesh 1.0 " के नाम से और प्रथम बैच के छात्र अभिषेक मिश्रा द्वारा एक बहुत ही अदभुत कविता इस बैच के पहचान के लिए Nivesh 1.0 के लिए दिया गया।

"NIVESH 1.0"

हम हैं निवेश के पहले सितारे,
सपनों के पंखों पर उड़ने वाले नारे।
नई राहों के पहले मुसाफिर,
ज्ञान की लौ से रौशन ये सफ़र।

हम हैं 'निवेश 1.0' की पहचान,
सपनों से भरी एक नई उड़ान।
सतीश चंद्र कॉलेज की शान बनें,
ज्ञान के पथ पर हम अभिमान बनें।

प्रिंसिपल डॉ. बैकुंठ नाथ पांडेय सर का साथ मिला,
हर सोच को उड़ान देने का जज़्बा मिला।
हेड डॉ. ओम प्रकाश सर की सादगी में शक्ति है,
हर विद्यार्थी की आँखों में उनकी भक्ति है।

डॉ. राहुल माथुर सर की शैली है निराली,
हर कांसेप्ट में छिपी एक रोशनी मतवाली।
डॉ. ओमप्रकाश पाठक सर का मार्गदर्शन मिला,
हर विषय जैसे खुद-ब-खुद समझ आ चला।
डॉ. अतीफा फलक मैम की बातों में ज्ञान की रौशनी है,
उनकी क्लासों में बसी उम्मीदों का बग़ीचा है।

पहला सेमेस्टर, 0% अटेंडेंस का सीन,
प्रोजेक्ट का डेडलाइन? "कल करेंगे" का रूटीन।
क्लास न जाने का था अपना ही स्टाइल,
पर एग्जाम का टेंशन था जैसे एक माइल।

असाइनमेंट ने दिया था सबको शॉक,
“ये कैसे होगा?” पर एक ही जवाब—"मॉक!"
प्रोजेक्ट तो बस था एक “हवा में” जोक,
मान लो कि ऐसे भी मिल गई थी होप!

तो ये था हमारा कॉलेज का सफर,
"बस अटेंडेंस नहीं, जो काम मिला वो काफ़ी था, भाई!"
पर जो भी किया, हर पल में था एक जूनून,
हम हैं 'निवेश 1.0' – किस्मत का हर जूनून।

कक्षा से शुरू हुई एक कहानी,
अब बन गई है हमारी ज़िंदगानी।
हर नोटबुक, हर लेक्चर, हर क्लास,
सीखों से भरा एक अनमोल अहसास।

कक्षा नहीं, ये तो एक परिवार था,
जहाँ हर चेहरा एक उपहार था।
वो हँसी, वो आँसू, वो हर छोटी सी जीत,
आज सब बन गईं हैं यादों की संगीत।

हमने न हार मानी, न रुकना जाना,
हर लक्ष्य को बस अपना ठिकाना माना।
शब्दों से नहीं, कर्मों से लिखा इतिहास,
'निवेश 1.0' – एक मिशन, एक विश्वास।

अब जब हम आगे बढ़ने को तैयार हैं,
दिल में बस यादें, आँखों में विचार हैं।
ये अलविदा नहीं, एक नई शुरुआत है,
हर ऊँचाई पर लहराएगा कॉलेज का सहारा।

हम हैं निवेश के पहले सितारे,
कल के नहीं, हम हैं भविष्य के इशारे,
एक बैच, एक परिवार, एक भावना,
जो हमेशा रहेगी अमर।

- अभिषेक मिश्रा (बलिया)




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