नर-नारी ।।
नर-नारी विश्वरूपम्,
नर नारी अखिल रूपम्,
विश्व विजयी, आदर्श भूपम्,
सुंदरम्, शांत सरोवर,
अर्द्धनारीश्वर, अर्द्धनारीश्वर।
जगत कल्याणम्,
जगत कर्ता, जगत हर्ता।
समय रूपम्, नियति रूपम्,
संस्कृति उत्तम, सर्वस्व विस्तार,
नर-नारी भाव रूपम,
तर्क सूक्ष्मतम,
तर्क मूलम,
प्रिय पुरुषोत्तम,
प्रेयसी प्रकृति उत्तम,
प्रेम रूपम,
मन संतोषी, मन निर्भय,
प्रेम सत्यम, प्रेम पवित्रम
प्रियप्रवास हृदय भूपम,
कर्तव्य रूपम,
करम गति उत्तम,
संघर्षशीलम,
सहनशीलम,
नर-नारी मोक्ष रूपम,
धर्म रूपम,
आत्मा रूपम,
परमात्मा रूपम,
होश रूपम,
जागृत रूपम,
नर-नारी धैर्य रूपम,
एक तत्व, एक शरीरम,
एक मन: ,
एक हृदयम,
एक सांस, एक उद्धार,
एक दृष्टि एक सृष्टि,
नर-नारी अखंड दिव्य रूपम,
अद्वितीयम,
पाप मुक्ति,
नर-नारी आलोक रूपम,
अंधकार मुक्तम,
एक नाम,
एक नाम,
नर-नारी ,
जीवंत उषा धारी...
ललित दाधीच