नई किरण के सहारे बना लो रास्ता अपना।
मुसाफिर है जगत प्यारे लगेगा जैसे सपना।।
मोहब्बत की डगर चलना सम्भल कर आगे।
मिलेगा हमसफर कोई दया दृष्टि जरा रखना।।
उम्मीदों को न छोड़ना भलाई बरकरार आगे।
जरूरत पूरी होगी करेगा पूरा खुदा सपना।।
अगर खुशियो से दोस्ती तवज्जो देना आगे।
भरोसा तोड़ना मत कर्म पर विश्वास रखना।।
परोपकार का फल 'उपदेश' मिलेगा आगे।
जो जीवन में मिले मन से न मलाल रखना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद