कापीराइट गजल
इश्क में दिल को मचल जाने की आदत है
कहे पूजा इसे कोई, कोई कहता इबादत है
मगर क्या होगा उन का जो डूबे हैं नशे में
इश्क में मर कर जिन्हें जीने की आदत है
साथ देगी कब तक यह उदासी ये तन्हाई
जिसे मयखाने में पी कर सोने की आदत है
दिल टूट कर किसी का जुड़ता नहीं कभी
मजा प्यार का जिस को लेने की आदत है
यह प्यार का सफर तो यूं ही कट जाएगा
जिसको गम में भी मुस्कुराने की आदत है
इस दुनियां में नहीं हैं अब किसी का कोई
साथ पाएगा कैसे, जिसे खोने की आदत है
अपनों से बिछड़ने का गम जानता है यादव
गम पी कर जिस को भूल जाने की आदत है
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




