सोचा था मैंने कि लोग मेरे ख़िलाफ़ हुए
तो क्या हुआ?
मेरे दोस्त तो मेरे साथ होंगे।(2)
आज जब मेरे एक फ़ैसले पर दुनियां मेरे ख़िलाफ़
हुई तो मुझे कोई दर्द ना हुआ,
पर जब मेरे दोस्त मेरे ख़िलाफ़ हो गए तो ये दिल
सिसक -सिसक कर रोने लगा।
एक गलतफहमी मैंने मेरे दिल में पाल रखी थी
कि जब पूरी दुनियां एक तरफ़ होगी और
मैं अकेली एक तरफ़ होऊंगी,
तो इस जहां में कोई तो होगा जो मेरी तरफ़ होगा।
पर मैं गलत थी,
आज मेरी तरफ़ सिर्फ़ और सिर्फ़ मैं अकेली थी।
इस जहां के लोग तो पहले से ही मेरे दुश्मन
बने हुए थे,
अब वक्त के साथ - साथ मेरे दोस्त भी मेरे दुश्मन
बनते जा रहे हैं।
धीरे -धीरे अकेली पड़ती जा रही हूॅं ,
सभी जो मुझसे नाता तोड़े जा रहे हैं।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐