आप जानते हो मेरा हाल क्या है?
फिर भी बार-बार पूछते क्यों हो?
हम जैसे थे वैसे ही हैं और
शायद आगे भी ऐसे ही रहेंगे।
पूछा ना करो बार-बार हमसे हमारा हाल,
बार -बार बताने में शर्मिंदगी महसूस होती है।
या फिर बताए ना हम आपको हक़ीक़त
कि हम वाक़य कैसे हैं?
और कह दे कि ठीक है क्योंकि एक ही सच
हमसे बार-बार बताया नहीं जाता।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐