प्रेम को विवाह या कुँवारेपन से सरोकार नही।
प्रेममय होने पर वफ़ा या बेवफ़ा का सार नही।।
प्रेम केवल दिल के आईने में देखता रह जाता।
बाहरी दृष्य और परिदृश्य उसका आधार नही।।
अचानक दिल की गीली मिट्टी में उगने लगता।
सामाजिक परिवेश का प्रेम पर उपकार नही।।
शारीरिक इच्छाओं को पारकर आगे बढ़ जाता।
अलौकिक आनन्द में डूब जाने पर आभार नही।।
अजीब संतुलन बनाकर जीवन गुजारना पड़ता।
मौके पर चौका मारना 'उपदेश' अस्वीकार नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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