तुम्हारे अधर उन्मुक्त विलास का गीत गाएँ।
मलय समीर के मृदुल झौंके ठहर ना पाएँ।।
खुले आसमान में तुम्हारी बाते निरंतर हो।
और जाति भेद में कोई अन्तर रह ना जाएँ।।
तब एक नया उल्लास भरा सुमन-सारंग हो।
यों सपनों के आँगन में सन्नाटा रह ना जाएँ।।
नयी शुरूआत हो बाहों की माला में जान हो।
कस कर बाँधे इस तरह कसक रह ना जाएँ।।
ना पाने की होड़ हो ना कुछ खोने का गम हो।
मस्ती का राज 'उपदेश' कसर रह ना जाएँ।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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