पहले बच्चा था अब जवान हूं
जवानी आ रही
मेरे पास जवानी तो
आ आ कर जा रही
अब करूं भी तो क्या करूं ?
बहुत मुझे सता रही
दिन में ही यारों
तारे और चांद दिखा रही
ये जवानी में
न कुछ जोड़ सका न घटा सका
इतनी बड़ी दुनिया है
मैं एक लड़की भी न पटा सका
हे मेरे दोस्त यारों
मेरे जैसा कबाड़ न बन जाओ
कोई अच्छी लड़की पटा कर
घर अपना बसाओ
नहीं तो मेरी तरह हवा ही खाओगे
जिंदगी भर कुंवारा ही रह जाओगे
जिंदगी भर कुंवारा ही रह जाओगे .......
----नेत्र प्रसाद गौतम