📖किताबें कहती हैं मुझसे
अब हमारी ज़िंदगी भी तेरी तरह तन्हा है,
तू तन्हा थी अब हम भी तन्हा हैं।
चल इस तन्हाई को दूर करते हैं,
कदम से कदम मिलाकर साथ-साथ चलते हैं.......✍️
📖 किताबें कहती हैं मुझसे
अब हमारी ज़िंदगी भी तेरी तरह तन्हा है,
देखते हैं हम रोज तुझे तू हर वक्त किसी के इंतज़ार में रहती है।
सोचती है कोई आये जो दिल से तुझे प्यार करे,
चल छोड़ किसी का इंतज़ार करना बहुत हो गया
ना कभी कोई आया, ना ही आयेगा तेरे साथ हम है ना........✍
📖 किताबें कहती हैं मुझसे
अब हमारी ज़िंदगी भी तेरी तरह तन्हा है,
हम भी किसी के इंतज़ार में राहें तकते रहते हैं।
सोचते हैं कोई आये हमें सहलाए और पढ़े,
पर तेरे सिवा कोई आता नहीं
चल अब हम ही एक दूसरे का सहारा बने,
एक दूसरे की तन्हाई को दूर करें.........✍
💐 📖 रीना कुमारी प्रजापत 📝💐