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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

केवल यही एक हकीकत है - वन्दना सूद

केवल यही एक हकीकत है
एहसास हकीकत नहीं देखते
भावनाओं में बहते जाते हैं
समय उन्हें ऐसी डोर से बाँध देता है
जिन्हें तोड़ पाना आसान नहीं होता
बच्चा अभी माँ के अन्दर होता है
कि माता-पिता कितने सपने बुन लेते हैं
फिर बच्चे का उनके जीवन में आना
नित्यप्रति उनके नटखटपन देखना
कभी चपलता,अस्थिरता तो कभी गंभीरता
बचपन से तरुणावस्था का उसका सफ़र
उसके बदलते हर बदलाव का साथी बनना
ऐसा प्रेम जिसका कोई मोल नहीं
कैसे इस बन्धन को मोह कह दें
उम्र के आख़िरी पड़ाव में कैसे मान लें
कि जितना भी जीवन बिताया
वो सब एक छल था,हकीकत नहीं थी
एक क्षण में सब कुछ छोड़ कर चले जाना है
केवल यही एक हकीकत है जिसे मान पाना कठिन है ..


---- वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sach kaha mam yahi ek hakikat hai..bahut khubsurati se bayan kiya ek nirantar pravaah se chalne wale jeewan ko

वन्दना सूद replied

धन्यवाद जी

इक़बाल सिंह “राशा“ said

बहुत बढ़िया जीवन का गहरा अनुभव सुन्दर अभिव्यक्ति अच्छी लय

वन्दना सूद replied

sir ,अनुभव तो अभी बाकी है पर अपने बड़ों की देख कर जो महसूस हुआ वो शब्दों में पिरो दिया 🙏🙏

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