सारी रात खुश्बू बनकर महकती रही
ये तेरी याद भी हे ना मुजको छलती रही
तुज पर लीखता रहा गजल में रातभर
तुजे क्या मालूम सीने में आग जलती रही
आश अभी जिंदा हे तेरे लीये मेरे दोस्त
ये आँखे तुजको देखने को तरसती रही
महोब्बत के किस्से कोई नई बात नहीं
समंदर से नदियां युग-युग मिलती रही
के बी सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




