कविता : अपना अपना काम....
फौजी जवान देश की
सुरक्षा करते हैं
सीमा पर दिन रात
तैनात रहते हैं
किसान खेत पर
हल चलाते हैं
देश के नागरिकों को वे ही
खाना खिलाते हैं
पुलिस जवान भी
अपनी जिम्मेदारी लेते हैं
वे शहर गांव हर
तरफ सुरक्षा देते हैं
शिक्षक, विद्यालय
और क्यापस जाते हैं
वहां पर वे बहुत सारे
विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं
विद्यार्थी भी कोई क्यापस तो
कोई विद्यालय जाते हैं
वे भी शिक्षा हासिल कर
अपनी मंजिल पाते हैं
डाक्टर, कोई बीमार पड़े तो
उसको देख लेते हैं
कभी इंजेक्शन कभी दवाई दे कर
उसे ठीक कर देते हैं
जिस का जैसा पद है
वैसा वैसा नाम है
हर किसी का यहां
अपना अपना काम है
हर किसी का यहां
अपना अपना काम है.......