सरकारी -सरकारी का,
कमीशन का खेल देखिए।
प्राइवेट कुर्सी पर बैठकर,
जनता को लूट रहे देखिए।
फार्म फ्री,
सौ- सौ में बिकता देखिए।
भ्रष्टाचार के बक्से का,
पिटारा खुलता देखिए।
अंकी इंकी डंकी लाल,
हेरा फेरी कर रहे खातों में।
एंटी करप्शन जांच का,
कमाल देखिए।
सरकारी प्राइवेट मिलकर,
सरकारी नियमों को ताक पर रखकर।
रोज नए-नए जाल,
बुनते हैं।
ढाई चाल चलकर,
हाथी का डर दिखाकर।
भोली भाली जनता को,
मात देते हैं।
अफसर है ईमानदार,
बोरे में रखा वजनदार।
बोरे सहित ही,
भ्रष्टाचारियों का।
कर दिया खेल ऐ!"विख्यात",
धीरे-धीरे पहुंच रहे हैं जेल।