प्रीत की देखो, छलके गगरियाँ
पथ पर प्रीतम, मोरी नज़रियाँ
जीवन की देखो, बीती घड़ियाँ
कब आओंगे, मोरे सावरियाँ
प्रीत की देखो, छलके गगरियाँ
पथ पर प्रीतम, मोरी नज़रियाँ...
धुँधला धुँधला, साफ़ दिखे न
बातोंमें अब, बात छिपे न
चुपके से तेरा, श्रृंगार रचाया
कब आओंगे, मोरे सावरियाँ
प्रीत की देखो, छलके गगरियाँ
पथ पर प्रीतम, मोरी नज़रियाँ...
आजाओ अब, देर भई है
सांसो की डोर, सरक रही है
अंत धड़ी पीड़ा, बेहद बढ़ी है
कब आओंगे, मोरे सावरियाँ
प्रीत की देखो, छलके गगरियाँ
पथ पर प्रीतम, मोरी नज़रियाँ...
ऋण उतारे कैसे, ये तो बता दो
दास है छोटे, अंग लगा दो
प्रीतम प्यारे हम, तृष्णा के मारे
कब आओगें, मोरे सावरियाँ
प्रीत की देखो छलके गगरियाँ
पथ पर प्रीतम मोरी नज़रियाँ...