झुलस रहा है देश मेरा
भीगा भीगा सा है आज देश मेरा
झुलस रहा हर कोना कोना है
क्यों हिन्दू-मुस्लिम की दीवारें मन में हैं बनाई
क्यों अहम्,ईर्ष्या,द्वेष में ज़िन्दगी तुमने गवाई
अपने साथ-साथ कई निर्दोषों की साँसें भी दाव पर तुमने लगाई..
बदले से बदला,नफ़रत से नफ़रत क्यों जोड़ते हो
इंसान हो कर क्यों दिल में हैवानियत को पनहा देते हो
नफ़रत को प्यार में,बदले को माफ़ी में अपना कर तो देखो
देश को आबाद होने दो,आगे बढ़ने दो
अपनी आने वाली पीढ़ी की नज़र को झुकने नहीं दो ..
-वन्दना सूद