छा जा इस क़दर की
सब ओर तेरी हीं रौशनी हो।
तेरे इर्द गिर्द घूमती
खुशियों की चासनी हो।
तू मिल का पत्थर।
तू पारस बन जा।
मिट्टी को तू सोना कर दे।
सभी के दामन में
खुशियां हीं खुशियां
भर दे।
लोगो के उदास चेहरों पर
उम्मीदों आशाओं की
चमक बिखेर दे।
बदले में लोगों से ढ़ेर सारा
प्यार बटोर ले।
बन जा तू चंदन
विषधर में भी
सुधा भर दे।
दुखों में सुखों को भर दे।
बस इतना तू करम कर दे,
ज़ख्मों पे मरहम मल दे।
लोगों का जीवन बन जा।
तू काम कुछ ऐसा कर जा।
कि देख तुझे दुनियां हंसे
तेरे एक आशू पर लाखों आशू बहें ।
तेरे एक इशारे पर सबकुछ हो
तू कल भी हो आज़ भी हो
तू कल भी रहे
जब तक ये दुनियां रहे
तू भी रहे हां तू भी रहे...
जब तक ये दुनियां रहे हां तू भी रहे...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




