कविता : ढंग के कपड़े....
मैडम अच्छा खासा चेहरा है लाली
क्रीम पावडर क्यों लगा रही हो ?
ढंग के कपड़े पहनो न अर्ध नग्न हो
कर अपनी टांगे क्यों दिखा रही हो ?
ये ऊलजलूल हरकत करोगी तो आप
की ओर आवारा लड़के पीछे पड़ेंगे ही
सुनसान रास्ते पर अकेली देख कर
वे सारे के सारे लोग आप को छेड़ेंगे ही
हमें आप की चिंता है
इस लिए ये कह रहे हम
वैसे आप स्वतंत्र हो
जैसे करना है करो मैडम
वैसे आप स्वतंत्र हो
जैसे करना है करो मैडम.......
netra prasad gautam