अपनी औकात का बखूबी पता चल जायेगा
अभी तो आसमां पर है जब जमीं पे आएगा
खुल जायेगा एक एक राज आज महफिल में
रुखसार से जब उसके नकाब उठ जायेगा
आजकल सब इज्जत उसकी ज्यादा करते हैं
दौलत के शिखर पे झट से जो चढ़ जायेगा
ये ख्वाहिशों का सफर भी बहुत हसीन है यारों
दिल का परिंदा है बिना पँख के उड़ जायेगा
चाहे जितने तूफ़ान लपकें जिन्दगी की नावपे
दास मुहब्बत का चलन पार लेके जायेगा II

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




