वक्त ने करवट ली, तो जिंदगी ने बहुत कुछ सिखाया
कभी उम्मीदों पर खड़ा होना
कभी सब्र को अपनाना
कभी खुदको भूल, बस कही गुम हो जाना
आंखो की कस्तियो पर कभी कुछ सपने बुने थे
कुछ सपने थे, जिन्हे अपने बिस्तर से बांध सोती
कभी उन्हे सपनो में जीती
तो कभी आंखे खोल उन्हे सवरते देखती
पर शायद उन्हे पाने का जुनून कुछ कम रहा
या वो सपने ही झूठे निकले
जो अचानक आई जिम्मेदारी की आधियों में बह गए
जो आंखे जिंदगी को खूबसूरत बनाने के सपने देखती
अब वो आंखे समुद्र बन
अपने सपनों की कस्तियों को डूबता देख रही है
एक कहानी शुरू हुई थी, जिसमे रंग थे
कभी कुछ हसी,तो कभी कुछ गम के
कुछ अपने साथ थे
लेकिन सिर्फ मेरी नजरो से
जो भ्रम था वो टूटा और
जिंदगी ने एक नया सबक सिखाया
किसी में अगर ज्यादा मिठास बनकर घुलोगे
तो वो उस मिठास को थूक उसे जहर समझेगा
और तुम एक पल में किनारे पड़े
अपनी अच्छाई पर शर्म कर रहे होंगे
जिंदगी बहुत सबक दे जाती हैं
किसी के आने पर भी वो सिखाती हैं
और जाने पर तो कई चेहरों के नकाब उतार ही जाती हैं
पर शायद यही जिंदगी है
जो उथल पुथल के बाद बस शांति फैला देती हैं
ऐसी शांति जिसके बाद ना कोई अपना लगता है
और ना किसी को अपनाया जा सकता है
बस एक खुदका साथ अपना लग
सब बेगाना हो जाता है
और कोई नया साथ,, सिर्फ डराता है
शायद जिंदगी यही है
कि खुदसे ज्यादा किसी पर यकीन हर बार जख्म देता है
जितना खुदको समझ
खुदके यकीन को, खुद पर पा लोगे
वो दिन खुदकी जिंदगी को पा लेने वाला होगा
क्योंकि खुदके साथ निभाया हर रिश्ता
निखारता है, संभालता है और
खुदकी नजरो में उठाता है
और यही जिंदगी का सबक और
वक्त का जिसे मरहम कहा जाता हैं,,
वो यही खुदका साथ बन जाता है,,
और यही आखिर में ज़िंदगी कहलाता है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




