ममतामयी, करूणामयी!
हे दयामयी अंबे!
भवतारिणी, भवपालिनी
भयहारिणी अंबे!
हूं शरणागत ना ठुकराना
हे कालजयी अंबे!
अंतर्मन ना घर कर पाए
शुंभ निशुंभी अनित विचार
जरा भी मन में समा न पाए
रक्तबीज सा अहंकार
जनमानस के प्रति हमारी
सदा रहे उत्तम व्यवहार
पीर हरो हे मनविहारिणी!
कष्टनिवारिणी हे अंबे!
हृदय पटल पर पनप न पाए
ईर्ष्या द्वेश का अंधियारा
हों चरित्र सब उज्जवल उज्जवल
पसरे जाए उजियारा
नवसृजन और परिमार्जन का
मन में रहे विचारधारा
आलस न हो कभी तन मन में
बहे प्रेम की अविरल धारा
विपदाहरणी हे सुखकरणी!
क्षमामयी हे अंबे!
ममतामयी, करूणामयी........
सर्वाधिकार अधीन है