आओ सभी लोग मेरे पास आओ
जरा थोड़ी देर इधर बैठ जाओ
सुबह सुबह उठ कर दौड़ - सौड न लगाओ
एक्सरसाइज कर कर फालतू पसीना न बहओ
जो लोग सुबह सुबह उठते हैं
पसीना बहा कर जो खूब दौड़ते हैं
बेकार में खामख्वांह कड़ी मेहनत करते हैं
लाख कोशिश करे फिर भी नहीं जीते वे भी मरते हैं
जब मरना ही है तो मस्त खूब पेट भर भर कर खाओ
बेशक पेट बढ़ेगा बढ़ने दो बिलकुल न घबराओ
अगर मरोगे कौन सा तुम को पैदल शमशान चलना पड़ेगा
तुम्हारा जनाजा तो अपने घर से बकायदा ही निकलेगा
जो लोग तुम से जलते थे वे भी तुम्हें कंधा देने आएंगे
बेफिक्र रहो तुम... तुम को तो मजे से श्मशान घाट पहुंचाएंगे
बेफिक्र रहो तुम... तुम को तो मजे से श्मशान घाट पहुंचाएंगे.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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