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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हास्य कविता - एक घटना....

हास्य कविता - एक घटना....
एक बार गांव से दिल्ली आकर
घूम रहा था होटल नजर आया
होटल के साइन बोर्ड में
आप का स्वागत है लिखा पाया

मैं आदमी सीधा सादा
और भोला भाला
होटल के अंदर
फटा फट चला

वेटर को बोला, वेटर
इधर आओ
मेरे लिए थाली में एक
खाना लगाओ

उसने खाना लगाया
मैंने खाना खाया
बाद में उस वेटर ने दो
हजार का बिल लाया

मैं हुवा परेशान बोला, दाल सब्जी
चावल और दो पीस चिकन ही तो खाया
यह इतना सिंपल खाने का
बिल भी दो हजार कैसे आया ?

तुम तो भाई हम को लूट रहे
अरे ऐसे थोड़ी न चलता है ?
दो हजार में तो हमारा महीने का
किराए और राशन निकलता है

देखो मेरे प्यारे
भाई बात सही है
लेना है तो पांच सौ है दो
हजार रूपए नहीं है

इतने में वह वेटर
तू तू मैं मैं करने लगा
मूझ को तपाक से
वहीं पर मारने लगा

फिर होटल मालिक
वहां पर आया
साथ में अपना पूरा
स्टाफ लाया

मालिक बोला, इस
कमीने की खाल उतारो
इसे चौराहे पर लग
नंगा कर कर मारो

दिल्ली के होटल में तो
मेरा... ऐसे स्वागत होने लगा
मैंने उन सभी से
हाथ जोड़ कर रोने लगा

मगर वहां मेरी कुछ न चली
चार लड़कों ने पकड़ कर
ले गए चौराहे पर मारते
हुए मुझ को फिर घसीट कर

इतने में एक ने मेरा कच्छा
उतारने की योजना कर रहा
मैं वहां लाल पीला हो कर
बड़ी शर्म से मर रहा

ये नजारा देखने वाले देख रहे
आने वाले आ रहे जा रहे
मगर वहां कोई भी लोग
मेरे पर तरस नहीं खा रहे

हे देवियों सज्जनों मेरे साथ
घटी ये घटना सही है
मगर आगे मुझ पर क्या बीती ?
ये बताने लायक नहीं है
ये बताने लायक नहीं है.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Shakshi said

Are ye to bahut hi bura hua...jab ye ghatana ghat rahi thi m usi hotel m tha. Magar mujhe nahi pta tha ki bha sajjan aap hain. Brna m aapki madad jarur krta maafi chahta hu. 😂😂

Shyam Kumar said

Oo..ye to galat kia unhone. Bas kuch peso ke liye kisi ke sath asa nahi krna chahy .

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