आँखों का समुन्दर किनारा तोड़ना चाहे।
नजर का धोखा नही प्यार तड़पना चाहे।।
दिल की दुनिया रेत के टीला सी बन गई।
चढ़ता कम अपने आप में फिसलना चाहे।।
अफ़सोस करके क्या मिलेगा मोहब्बत में।
संयोग ऐसे बना बेचारा दिल मिलना चाहे।।
अंदाजा लगाया मगर निशाना चूक गया।
अब की बार 'उपदेश' बाहों में झूलना चाहे।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद