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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

घुट कर है मर जाता

प्यार मुक्कमल हो कर प्यार नहीं रह जाता
रिश्तों में बंध कर स्वरुप बदल जाता
वो दिल्लगी वो कशिश नहीं रह जाती
अपेक्षा, उपेक्षा तले घुट कर है मर जाता




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

Wel said my dear sister, good morning with blessing showers.

श्रेयसी said

Many many thanks my elder brother 🙏🙏 very good morning

वन्दना सूद said

Very well said 👌👌

श्रेयसी said

Thanks Vandana ji 🙏🙏

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