एक चित्र कार (हास्य )
एक था कलाकार शक्ल सूरत से दिखता था चित्रकार नदी के सुंदर तीर पर अपनी तूलिका से दिखा रहा था कमाल अचानक आया वहाँ
एक विमान
जिसमे बैठा था यमराज
जिसे देख चित्रकार घबराया
यमराज ने दूत भेज उसे अपने
पास बुलाया
दूत बोला चित्रकार चल तेरा समय आया
तेरे लिए नरक का द्वार खुलवाया
नरक जाने की नही थी उसकी इच्छा
उसके दिमाग मे एक उपाय कूदा
उसने तूलिका से यमराज का सुंदर एक माडल बनाया
देख जिसे यमराज घबराया कुछ दबा सा मुस्कराया
एक एम एफ़ हुसैन ले जाकर बड़ा पछताया
नही दूजा मै नही ले जाऊँगा
इसे धरती पर ही पठाउँगा
यमराज बोला चित्रकार माँग तू वरदान
तुझे स्वर्ग का सुख इस धरती पर देने मन मैने बनाया
यह सुन चित्रकार मुस्काया
यमराज से नवजीवन और स्वर्ग सुख का वरदान पाया
यमराज ने भी चित्रकार से छुटकारा पाया विमान अपना सरपट दौड़ाया
अर्पिता पांडेय
स्वरचित मौलिक
18-03-2012

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




