ए रास्तें जमीं के,उस पार चले
सफ़र लंबा है, काटने चले
वक़्त ठहरें नहीं, दोनों संग चले
ए रास्तें जमीं के, उस पार चले
दूर तलक हजारों, फलक ले चले
आयेगा ठिकाना, वो छोड़ चले
हमदर्द कभी थे बने, भूल चले
ए रास्तें जमीं के,उस पार चले
फ़साने खिले थे, सपने संग चले
अधूरे रिश्ते नाते, तोड़ चले
बंधनो की गरिमा, छोड़ चले
ए रास्तें जमीं के,उस पार चले
जाते-जाते आँखोंमें, नमी भर चले
कभी न लौटेंगे, वादा कर के चले
सच्चाई से, अवगत करा के चले
ए रास्तें जमीं के उस पार चले