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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

दिल हीं तो है

जो बार-बार टूटता है वो दिल हीं तो है
सह जाता है हर सितम वो दिल हीं तो है

जज़्बातों से खेलते हैं बेवफ़ाई करने वाले
टूकड़ों में बिखर जाता है वो दिल हीं तो है

जब छा जाता है किसी पर प्यार का जुनून
मानता नहीं बंदिशों को वो दिल हीं तो है

इंतज़ार में कभी किसी को क़रार नहीं आता
जो बेक़रार रहता है वो दिल हीं तो है

हम भरोसे पे अपनी ज़िंदगी लुटा तो देते हैं
मगर बदल जाता है वक़्त पर वो दिल हीं तो है

सितम सह कर भी जो मोह के धागे मेंउलझा रहता है
निकल पाता नहीं होकर मज़बूर जिससे वो दिल हीं तो है

हर ज़ख्म दबाये धड़कता रहता है सीने में मगर
इक रोज़ सदा के लिए धड़कना छोड़ देता है वो दिल हीं तो है




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

श्रेयसी जी नमस्कार। 'गजब है आपकी गजल' ये कहने वाला मेरा दिल ही तो है आपको हार्दिक प्रणाम करने वाला भी मेरा दिल ही तो है। बहुत सुन्दर बधाई हो।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Wow amazing Mam very very nicely written bahut hi sundar Pranam , 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

वाकई श्रेयसी जी ये दिल ही तो है..... बहुत खूबसूरत heart touching 👌👏

श्रेयसी said

🙏🙏🙏🙏

Yachana Agrwal🙈🙉🙊 said

Dil ka itna pyara explanation..kmaal kr dia.

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