जिसके दिल और जहन में कुछ खींच तान रहती है
आदमी के चेहरे पे कुछ फीकी मुस्कान रहती है
बात करने का सलीका तक वो भूल जाता है दास
बेवजह आएगा गुस्सा तो कड़वी जुबान रहती हैII
शिव चरण दास
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
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शिव चरण दास