ढलती जिंदगी तड़पती यादों में,
बीते लम्हे जो बसे मेरे ख्वाबों में,
सारा जहां अब सिमट कर रह गया,
ढलती जिंदगी तड़पती यादों में,
कुछ अपने जो छूट गए और कुछ पराए हो गए,
अब रह गई जिंदगी सिर्फ बीते बातों में,
प्यारा सा बचपन पल पल खुशहाल मौसम में,
जिंदगी से बेपरवाह पल-पल चुनौतियाँ के आलम में,
ढलती जिंदगी तड़पती यादों में,
रंगीन जवानी बुनते सपनों में,
रूठणा और मनाना खेल कुछ अपनो के,
कुछ हसींन पल जिंदगी के जो बीत गए,
अब ढलती जिंदगी तड़पती यादों में,
अब हर पल बोझ जिम्मेदरियों के मौसम में,
हो आशा की किरण उम्मीदों के जीवन में,
खुद को भी भूल गया हूं जिंदगी के इस पतझड़ में, ................पतझड़ में,
अब ढलती जिंदगी तड़पती यादों में,
...,........तड़पती यादों में,
राजू वर्मा .....द्वारा लिखित
9803434175
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




